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हरिदूत हिंदी लिरिक्स (नरसी)

हरिदूत लिरिक्स (नरसी)

हरिदूत हिंदी लिरिक्स (नरसी)
हरिदूत हिंदी लिरिक्स (नरसी)

Song: Haridoot (हरिदूत)
Rap: Narci
Singer: Agam Aggarwal
Vocals: Premanand Ji Maharaj
Lyrics: Narci & Traditional
Music: Narci

हरिदूत लिरिक्स (नरसी)

पाप कर्म करने वाले सभी मनुष्य
अपने अपने पाप कर्म का दंड जरूर भोगते हैं
कोई भी देहवान ऐसा नहीं जो पाप ना करे
या पुण्य ना करे और
जो पाप पुण्य करेगा उसे भोगना पड़ेगा

जगज्जाल पालम् कचत् कण्ठमालं
शरच्चन्द्र भालं महादैत्य कालम्।
नभो-नीलकायम् दुरावारमायम्
सुपद्मा सहायं भजेऽहं भजेऽहं ॥

प्रेमियों के भेष में छुपे हुए ठग देखे है
ठेकेदार धर्म के हा मैंने दूर तक देखे
भीग चुके पाप में जो प्राणी मैंने सब देखे
स्वामिनी के हाथों कटे पतियों के शव देखे

धरों के बरामदे मैंने रणभू देखी
लहू से नहाती मैंने सड़कों पे गौ देखी
रिश्तों की कथा मैंने लिखी लहू देखी
पतियों के घर मैंने जली हुई बहू देखी

पशुओं और शिशुओं से होता कुकर्म देखा
पिता द्वारा बेटियों से होता दुष्कर्म देखा
फल हेतु लोभ देखा शून्य मैंने कर्म देखा

प्राणियों के हृदय में ना बसा मैंने धर्म देखा
नारी छेड़छाड़ होती खुलेआम देखी
शाम देखी जहां युवा पीढ़ी बदनाम देखी
रिश्ते निभाने की कोशिशें नाकाम देखी

वासना की गाड़ी मैंने यहां बेलगाम देखी
बुढा है ईमान पैसे को जवान देखा
पैसे आगे मैंने लाचार हाँ विधान देखा
नाम लेके दानियों को देते मैंने दान देखा

अपना भी अपनों में होते अनजान देखा
भवनों में फंसा हुआ जलता विमान देखा
हादसे में बना मैंने घोर शमशान देखा
आपसे रहित धरा मैंने स्थान देखा

मूर्खों को देते मैंने लोगों को भी ज्ञान देखा
वासना में डूबा हुआ मैंने वर्तमान देखा
इंस्टा के रील में गिरा इंसान देखा
छाती को दिखाने का नारी में रुझान देखा

गाली देने वाला मैंने यहां पे महान देखा
हरी के वजूद पे उठता सवाल देखा
मैंने अपराधशील लोगों में ख्याल देखा
मंदिरों पे होता मैंने प्रहार देखा
मैंने यहां काल देखा

रमाकण्ठहारं श्रुतिवातसारं
जलान्तर्विहारं धराभारहारम्।
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं
धृतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥

अंधकार में दीप धर्म का प्रकाश देखा
पापियों के बीच खड़ा हरी का आभास देखा
गली के प्रभाव में भक्ति का वास देखा
हरी हेतु प्राणियों में मैंने विश्वास देखा

पाप को मिटाने का मनों में प्रयास देखा
कलकी के आने का जनों में उल्लास देखा
असुरों के बीच मैंने हरि का विकास देखा
भक्ति में रास देखा

राम जी की लीला मैंने अभी भी है रची देखी
आस्था उपासकों की अभी भी है सजी देखी
मथुरा की नगरी अभी भी है सजी देखी
आस्था त्यहारों में अभी भी है बची देखी

हरि द्वार होता मैंने चमत्कार देखा
हरी अवतार हेतु मैंने इंतजार देखा
भक्तों के लिए खुला नारायण का द्वार देखा
कला को हाँ होते मैंने भव के भी पार देखा

जिस समय चार अक्षर पुकारा - नारायण
उसी समय ये पूर्ण निष्पाप हो गया

वैष्णव निशान से सजा लल्लाट देखा
कायरो से दूर सजा पुरुषार्थ देखा
हल वाले दौर में निष्ठा का साथ देखा
कभी नहीं छूटा जो वो प्रेम वाला हाथ देखा

आज भी भरे चारों मैंने धाम देखे
शिव देखे काशी अयोध्या में राम देखे
वृंदावन राधा मथुरा में श्याम देखे
भजनों में डूबे अभी भी है गांव देखे

कली तुझे मान देना मैंने इंसान देखे
तुझसे भी बड़े मैंने बस मेरे राम देखे
लालचों के व्यर्थ होते तेरे बाण देखे
बातों में जो फंसे तेरी वही परेशान देखे

बैकुंठ जाने की भक्तों में आस देखी
आत्माएं नेक मैंने भजनों के पास देखी
धर्म की पताका थी ऊंची लगी कल देखी
धर्म की पताका ऊंची मैंने आज देखी

समस्तामरेशम् द्विरेफाभ केशं
जगद्विम्बलेशम् हृदाकाशदेशम्।
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहम्
सुवैकुन्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं ॥

भगवान के पार्षदों ने कहा
तुम्हें परम पद की प्राप्ति हुई है
चलो देखो ये भगवान का विमान आया है

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