राधा 5 रैप लिरिक्स
(घोर सनातनी)
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राधा 5 रैप लिरिक्स (घोर सनातनी) |
Lyrics/Composer- Ghor Sanatani
Rapper/Music - Ghor Sanatani
Singer - Shobhna
Mix/Master - Vayuu
राधा 5 रैप लिरिक्स
(घोर सनातनी)
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
मेरी साँसों की माला पे
सिमरु कान्हा तेरा नाम
तेरा नाम जपूँ हरपल हरक्षण
मुझे और न कोई काम
तुम द्वारका चले गये जबसे
हुआ सुना गोकुल धाम
तेरी राह ताकती रहती
गोपिया सुबह से लेकर शाम
इस प्रेम की चक्की में हमको
ना चाहकर भी है पीसना
आँखों के बादल से ना
अश्रु बंद होते है रिसना
तेरी एक झलक को पाके
पूरी होगी मेरी तृष्णा
मेरी देह त्यागने से पूर्व
मुझे दर्शन दे दो कृष्णा
ओ कान्हा यमुना सूख गयी
कोई जावे न नहाने को
गोकूल माखन बनता न
कोई न आवे खाने को
ओ कान्हा यमुना सूख गयी
कोई जावे न नहाने को
गोकूल माखन बनता न
कोई न आवे खाने को
गोपियां भूल न पाती हैं
गईया घास न खाती हैं
के पंछी चहकना भूल गए
कोई न बंसी सुनाने को
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
ओ राधा सांस न ले पावे
गोकूल ढूंढन को जावे
कभी तो वृन्दावन आओ
न राधा पीड़ा सह पावे
कि राधा सांस न ले पावे
गोकूल ढूंढन को जावे
कभी तो वृन्दावन आओ
न राधा पीड़ा सह पावे
ओ माधव मुझे बचा लो तुम
आकर गले लगा लो तुम
कहीं ये साँस न थम जाएं
तो आओ दर्श दिखाने को
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
हे कान्हा वर्षों बीत गये
मुझे याद नहीं कब सोई थी
तुम चले गये जब वृन्दावन से
राधा गोपिया रोई थी
हे कान्हा खुशी के मौके पर भी
राधा ना खुश हो पाती
ना खुलके दर्द बाँट पाऊँ
ना सबके सामने रो पाती
मेरे कान्हा का कोई दोष नहीं
सब किस्मत का है लेखा
इस जन्म में कान्हा से मिलने की
हाथ से मिट गई रेखा
मैं जानती हूँ जो घटता है
विधि का विधान है
मेरा कान्हा भी तो रोता होगा
बेशक वो भगवान है
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
ये कृष्णा तुम भी जानते हो
मैं तुमको कितना चाहती हूँ
तुम बिन जीने की छोडो
मैं चैन से रो ना पाती हूँ
ये कृष्णा तुम भी जानते हो
मैं तुमको कितना चाहती हूँ
तुम बिन जीने की छोडो
मैं चैन से रो ना पाती हूँ
क्यों तुमसे दूर हुई कान्हा
मैं आज भी भूली नहीं कान्हा
क्यों तुमको रोक नहीं पाई
चले थे धर्म बचाने को
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को...
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