रक्षा कर भोले लिरिक्स
(श्लोविज)
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रक्षा कर भोले लिरिक्स (श्लोविज) |
Song- Raksha Kar Bhole
Artist- Shlovij
Written, Composed- Shlovij
Music Produced By- Vayuu
रक्षा कर भोले लिरिक्स (श्लोविज)
मृत्युंजय रुद्राय नीलकंठाय शम्भवे।
अमृतेशाय शर्वाय महादेवाय ते नमः।।
आया श्रावण ओ भोले
ले कांवड़ ओ भोले
चला घर से पहुंचा मैं दर पे तेरे।
मेरी बिगड़ी बना दे
सही राह दिखा दे
मैं चरणों में
रख हाथ सर पे मेरे।
तेरी पूजा मेरा कर्म,
यही स्वीकार है।
पड़े छाले पांव में जो,
तेरा उपकार है
जो मैं करूं पाप भोले,
मुझपे धिक्कार है
मेरा जीवन तेरा दिया भोले,
उपहार है।।
पापोहं पाप कर्माहं पापात्मा पाप संभवः।
त्राहि मां पार्वतीनाथ सर्वपापहरो भव।
मंत्रहीनं क्रियाहीनं, भक्तिहीनं सदाशिव।
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्णं तदस्तु मे॥
नीलकंठ रुद्राय मृत्युंजय
सर्वरूप देवों के देव।
त्वं सर्वव्याप्त, त्वं कष्टहारी,
गंगा जटा में जकड़े हैं केश।
लिपटी है भस्म, हस्ते त्रिशूल,
चंदा ललाटे, भोला विशेष।
भोले के भक्त भूत, प्रेत, दानव,
भोले के भक्त इन्द्रादि देव।
डम डडम डडम डमरू बाजे,
बम बगड़ बम बबम भोला नाचे।
मस्ती में नाचे भूतों की टोली,
होके प्रसन्न भोला के पाछे।
कैलाश भी झूमे
मस्ती में बोले हैं
रहते स्वयं भोले
घर पे मेरे।।
आया श्रावण ओ भोले
ले कांवड़ ओ भोले
चला घर से पहुंचा मैं दर पे तेरे।
मेरी बिगड़ी बना दे
सही राह दिखा दे
मैं चरणों में रख
हाथ सर पे मेरे।
तेरी पूजा मेरा कर्म,
यही स्वीकार है।
पड़े छाले पांव में जो,
तेरा उपकार है।
जो मैं करूं पाप भोले,
मुझपे धिक्कार है।
मेरा जीवन तेरा दिया
भोले उपहार है।।
भोले से मैं क्या मांगू?
बिन मांगे ही सब देता है।
मेरी राहों में जब कष्ट पड़े,
भोला मेरा हर लेता है।
दुग्ध,पुष्प और बेल कहते सब,
है पसंद मेरे भोले की।
मेरा शंकर इतना भोला
कि जल से प्रसन्न हो लेता है।।
कर्पूर गौरम करुणावतारं,
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे,
भवं भवानीसहितं नमामि॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्मांग रागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै न काराय नमः शिवाय।।
कैलाशी कालों के भी काल,
देवों के भी देव
ऐसे हैं शंकर मेरे।
जब जब घिरा विपदा में
हाथ थामे वो हर लेते हैं
सारे संकट मेरे।।
आया श्रावण ओ भोले,
ले कांवड़ ओ भोले,
चला घर से,
पहुंचा मैं दर पे तेरे।
मेरी बिगड़ी बना दे,
सही राह दिखा दे,
मैं चरणों में,
रख हाथ सर पे मेरे।
तेरी पूजा मेरा कर्म,
यही स्वीकार है।
पड़े छाले पांव में जो,
तेरा उपकार है।
जो मैं करूं पाप भोले,
मुझपे धिक्कार है।
मेरा जीवन तेरा दिया भोले
उपहार है।।
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