शिव शिव शंकर हिंदी रैप लिरिक्स (निखार जुनेजा)

शिव शिव शंकर हिंदी रैप

लिरिक्स (निखार जुनेजा)

शिव शिव शंकर हिंदी रैप लिरिक्स (निखार जुनेजा)
शिव शिव शंकर हिंदी रैप लिरिक्स (निखार जुनेजा)

Singer - Nikhar Juneja
Composer - Nikhar Juneja
Lyrics - Nikhar Juneja

शिव शिव शंकर हिंदी रैप

लिरिक्स (निखार जुनेजा)

शिव का जो हाथ
है मेरे माथ
कर दूं मैं रात
को काल प्रात
शिव साथ त्रात
जो हो प्रभात
शिव शीत वात
शिव कायनात
शिव दशम हाथ
शिव पांच माथ
चंदा ललाट
त्रिपुंड माथ
शिव इंद्रधनुष
के रंग सात
शिव ऋषि सात
तप की सौगात

कितना तू दिव्य
तेरा रूप भव्य
मेरे सारे कव्य
तुझपे गरव्य
शिव जहां गम्य
श्मशान शव्य
शिव भस्म द्रव्य
शिव कितना नम्य
शिव काल भव्य
महाकाल भव्य
विकराल भव्य
किरपाल भव्य
नरखाल भव्य
चंदभाल भव्य
मुण्डमाल भव्य
तू कराल भव्य

शिव शिव शिव
शिव शिव शंकर
आज तुझे जज़्बात बता दूं
तुझको पाने के लिए
मैं एक साँस में रक्त बहा दूं
हैं कौन सा कर्मकांड
कहाँ मिलते हो रजनीश बता दो
मुझे ईर्ष्या दशानन से
क्या मैं भी काटकर शीश चढ़ा दूं?

शिव शिव शिव
शिव शिव शंकर
आज तुझे जज़्बात बता दूं
तुझको पाने के लिए
मैं एक साँस में रक्त बहा दूं
हैं कौन सा कर्मकांड
कहाँ मिलते हो रजनीश बता दो
मुझे ईर्ष्या दशानन से
क्या मैं भी काटकर शीश चढ़ा दूं?

शिव डाल डाल
शिव पात पात
तो क्यों इस दुनिया
में जात पात ?
शिव पशुपति
प्राणी समान
तो क्यों मरता
रहता बेजुबान
जहाँ पशु पक्षी
पर अत्याचार
प्राणी संहार
कर मांसाहार
छू मंतर
प्राणी की पुकार
अब त्रिलोकी में
ना निखार

यहाँ भ्रष्टाचार
भक्ति व्यापार
और धर्मधार
का तिरस्कार
नारी नर
करते व्यभिचार
छी ! बेजुबान का
बलात्कार

करें लोभ मोह
माया विकार
करें नग्न चर्म
पर अहंकार
कर्पूरगौर
करुणावतार
संसारसार का
इंतज़ार

अब कैसे ढूंढूं तुझको
कैसे समझूं अंतर मैं
यहाँ ढोंगी दुराचारी भी
घूम रहे बाघम्बर में
हत्या शोषण भक्षण का विष
पीती दुनिया सारी
दो प्याले भांग गटक कर
खुद को समझे विषधारी

शिव गंगाधारी
शिव मुक्तिद्वारी
क्षण भर में तारो
श्रृष्टि तुम्हारी
शिव कालातीत
कल्पांतकारी
शिव विनाशकारी
शिव प्राणहारी
संघारकारी
त्रिनेत्रधारी
शिव दुष्टाचारी
त्रिशूलधारी
शिव डमरुधारी
करे नाद भारी
शिव जटाधारी
शिव अर्धनारी है

शिव शिव शिव
शिव शिव शंकर
आज तुझे जज़्बात बता दूं
तुझको पाने के लिए
मैं एक साँस में रक्त बहा दूं
हैं कौन सा कर्मकांड
कहाँ मिलते हो रजनीश बता दो
मुझे ईर्ष्या दशानन से
क्या मैं भी काटकर शीश चढ़ा दूं ?

शिव शिव शिव
शिव शिव शंकर
आज तुझे जज़्बात बता दूं
तुझको पाने के लिए
मैं एक साँस में रक्त बहा दूं
हैं कौन सा कर्मकांड
कहाँ मिलते हो रजनीश बता दो
मुझे ईर्ष्या दशानन से
क्या मैं भी काटकर शीश चढ़ा दूं ?

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