देवों का तू देवा लिरिक्स (निखार जुनेजा)

देवों का तू देवा लिरिक्स

(निखार जुनेजा)

देवों का तू देवा लिरिक्स (निखर जुनेजा)
देवों का तू देवा लिरिक्स (निखर जुनेजा)

Song - Devon Ka Tu Deva
Singer - Nikhar Juneja
Composer - Nikhar Juneja
Lyricist - Nikhar Juneja
Music Produced - Nikhar Juneja

देवों का तू देवा लिरिक्स

(निखार जुनेजा)

विचार भी है तू
विनाश भी तू ही
घोर अघोर की निशा
प्रकाश भी तू ही

तू भय अधर्म का
तू राह धर्म की
विलय प्रलय आलय मलय
तू सांस कर्म की

धमक तेरी प्रगाढ़ है
वृहद विराट है
चमक है चांदनी की
चंद्रमा ललाट है

तू मुक्ति का प्रकार है
असल निखार तू
पशुपति तू
बेज़ुबानों की ज़ुबान है

देवों का तू देवा
जो तू चले तो धधकती धरा
तेरे इशारों पे चलती हवा
तेरी नज़र पे झुके आसमां

देवों का तू देवा
गिरे सब चरण में जहां तू खड़ा
तेरी ही धुन पे ये जग झूमता
आजा ना आकर के डमरू बजा

पिशाच भूत प्रेत तेरे साथ में चले
देव असुर यक्ष हाथ बांधके खड़े

पिशाच भूत प्रेत तेरे साथ में चले
देव असुर यक्ष हाथ बांधके खड़े
ना मौत का है भय उसे ना काल का भरम
रुद्र महाकाल जिसके साथ है खड़े

वो क्या ही है भगत सताए बेज़ुबान को
जानता नहीं पशुपति ईशान को
नंदी बैल नाग वासुकी के साथ वो
निखार वही बेज़ुबानों की ज़ुबान जो

धमक तेरी प्रगाढ़ है
वृहद विराट है
चमक है चांदनी की
चंद्रमा ललाट है

तू मुक्ति का प्रकार है
असल निखार तू
पशुपति तू
बेज़ुबानों की ज़ुबान है

देवों का तू देवा
जो तू चले तो धधकती धरा
तेरे इशारों पे चलती हवा
तेरी नज़र पे झुके आसमां

देवों का तू देवा
गिरे सब चरण में जहां तू खड़ा
तेरी ही धुन पे ये जग झूमता
आजा ना आकर के डमरू बजा

ओ माफ़ करना शंकर
एक बात बोलता हूं
हां सत्य ये कटु है
मगर साफ़ बोलता हूं

अगर नज़र में तेरी न है भेद
सब समान है
तो भक्त परेशान
शैतान क्यों महान है

चरम ये कैसा कलयुग का
भक्ति भी व्यापारन
धर्म में राम राम है
करम में इनके रावण

दुनिया कहे कि तेरा
सबसे प्यारा भक्त नंदी
तेरे मंदिरों के सामने
खड़ा है बनके बंदी

कैसा ये रामराज जो
निर्दोषों के सर कटे
धर्म के रक्षकों की
दावतों में यूं जिस्म बंटे

वो कैसा बेशर्म जो
एक माह बनता पावन
चिथड़े शव के नोचे
जैसे ख़त्म हुआ सावन

साब पापग्रस्त
हुए मस्त
त्रस्त हुआ शंकर

हर भ्रष्ट
होगा नष्ट
सबको ध्वस्त करे शंकर
चल लेके वीरभद्र
साथ भूत प्रेत यक्ष को
सब काट छांट फांट
जैसे भेद डाला दक्ष को

धमक तेरी प्रगाढ़ है
वृहद विराट है
चमक है चांदनी की
चंद्रमा ललाट है

तू मुक्ति का प्रकार है
असल निखार तू
पशुपति तू
बेज़ुबानों की ज़ुबान है

देवों का तू देवा...

देवों का तू देवा
जो तू चले तो धधकती धरा
तेरे इशारों पे चलती हवा
तेरी नज़र पे झुके आसमां

देवों का तू देवा
गिरे सब चरण में जहां तू खड़ा
तेरी ही धुन पे ये जग झूमता
आजा ना आकर के डमरू बजा...

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