फिर हरि और मैं
लिरिक्स (नरसी)
फिर हरि और मैं लिरिक्स (नरसी) |
Song: Phir Hari Aur Main
Rap: Narci
Singer: Adarsh Yadav
Lyrics: Narci
Music & Arrangement: Narci
फिर हरि और मैं
लिरिक्स (नरसी)
ये दुनिया पूछे खोया कहां ?
ये दुनिया पूछे खोया कहां ?
जहां हरि है लिखा मैं खोया वहां
जहां हरि है लिखा मैं...
जिसने जीवन भर हरि ही रटा
वो हरि के सिवा और क्या जानें ?
जिसने जीवन भर हरि ही रटा
वो हरि के सिवा और क्या जानें ?
हम नारायण से भेंट सिवा
इस जग में भला और क्या मांगे ?
हम नारायण से भेंट सिवा
इस जग में भला और क्या मांगे ?
गानों में दीवानों सा मैं हरि को पिरोता
न दास कभी होता हरि नाम जो न होता
करने को बातें बड़ी प्रभु मैं हूं छोटा
दिल ये दीवाना हरि कथा का ही श्रोता है
देके मुझे पर बोले आसमान में उड़
पाके हरि कृपा को हैरान हूँ मैं खुद
आप ही आज्ञा से रुका हूं मैं यहां
अन्यथा बुला रहा है आपका बैकुंठ
दिल प्रभु पापी जरा लेना तू संभाल
लेके अवतार चाहे देना प्रभु तार
जय और विजय जैसा यदि करा दूर तो
प्रभु हर काल में ही आप बनो काल
धन्यवाद आपका जो दे रहे हो साथ
आप ही न दिया सब, मेरी क्या औकात
दीया सब प्रभु यदि छीन भी हां लोगे
फिर भी न बांधूंगा शिकायतों का बांध
जिसने जीवन भर हरि ही रटा
वो हरि के सिवा और क्या जानें ?
जिसने जीवन भर हरि ही रटा
वो हरि के सिवा और क्या जानें ?
हम नारायण से भेंट सिवा
इस जग में भला और क्या मांगे ?
हम नारायण से भेंट सिवा
इस जग में भला और क्या मांगे ?
जिसने जीवन भर...
जिसने जीवन भर...
जिसने जीवन भर हरि ही रटा
वो हरि के सिवा और क्या जानें ?
ये गाना नहीं प्रार्थना, कागज़ों में आत्मा
नैन देखे रास्ता आप ही के धाम का
साथ बिना आपके कभी भी ना खास था
आप ही ना होते तो मैं भूल जाता रास्ता
व्यस्त है जमाना सारा, हरि को ही पाने में
पाने में ना मजा, जो मजा है समाने में
कैसे दीवाने तेरे लोग क्या ही जाने
आंसू बहा के प्रभु लिखे मैंने गाने
हरि मेरी आत्मा है, प्राण, हृदय, सुध
हरि करे शान्त मेरे अन्तरिक युद्ध
घूमता मैं पीठ पे बैठा के प्रभु आपको
मुझे जो बनाया होता आपने गरुड़
भक्ति को देखे प्रभु देव और असुर
गाऊँ हरि गीत माना बेसुरे है सुर
घूमता मैं पीठ पर बैठा के प्रभु आपको
मुझे जो बनाया होता आपने गरुड़
अब सौंप दिया इस जीवन का
सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में,
है हार तुम्हारे हाथों में
मुझमें, तुझमें भेद यही,
मैं नर हूं, तुम हो नारायण
मैं हूं संसार के हाथों में,
संसार तुम्हारे हाथों में
जिसने जीवन भर हरि ही रटा
वो हरि के सिवा और क्या जानें ?
जिसने जीवन भर हरि ही रटा
वो हरि के सिवा और क्या जानें ?
हम नारायण से भेंट सिवा
इस जग में भला और क्या मांगेगे ?
हम नारायण से भेंट सिवा
इस जग में भला और क्या मांगेगे ?
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