भगवान महाभारत रैप
लिरिक्स (सिद्धार्थ)
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भगवान महाभारत रैप लिरिक्स (सिद्धार्थ) |
Song : Bhagavān
Rap & Lyrics : Siddharth
Music : Vickky Agarwal
भगवान महाभारत रैप
लिरिक्स (सिद्धार्थ)
पञ्चजन्य जब बजा कृष्ण का
सभी रोंगटे खड़े हुए
अगले वह क्षण देखा
सब कौरव भूमि पर पड़े हुए
वो युद्ध कभी तो होना था
असुरो की मंशा ऐसी थी
या ये कहू उस वासुदेव की ही
आकांक्षा ऐसी थी
मैं सर्व जगत में डोल रहा
कि ढूंढूँ अश्वत्थामा को
और पूछु क्यू ना समझाया
तूने उस शकुनि मामा को
क्यू लिया अधर्म का साथ प्रभु
जो था वो सामने दिखता था
क्यू बना क्रोध का हार प्रभु
जब हरि के आगे न टिक पाता
मैं पूछु उस दुर्योधन से
कि ऐसा क्या था क्रोध तुझे
जो देख ना पाया नारायण को
लगा व्यर्थ सब बोझ तुझे
क्यू तूने नर-नारायण को
उन सभा में वो अपशब्द कहे
क्यू ले ना पाया ज्ञान वो
जब हरि ने ज्ञान के शब्द कहे
हे हरि वो तेरी इच्छा थी
जब पांचों चौसर हार गई
हे हरि वो तेरी इच्छा थी
जब पांडव सब वनवास गए
वो तेरे कारण युद्ध हुआ
और लाख कोशिश विफल हुई
हे नारायण वो तू ही था
जब पांडव सेना सफल हुई
शक्ति है भक्ति है
जन्मों कि मुक्ति है
जीवन का ये सम्पूर्ण सार है
युग-युग से
कण-कण में
श्रृष्टि के दर्पण में
वेदों कि कथा अपार है
तुम्हें मृत्यु का भय नहीं है ना अश्वाह्थामा
मैं तुमसे तुम्हारी मृत्यु ही खींच लेता हूँ
तुम्हें अमर होने का अभिशाप देता हूँ
वो अर्जुन क्या जो गांडीव
हर पल समक्ष न रखता हो
वो अर्जुन क्या जो हरि के चरणों की
इच्छा ना रखता हो
वो अर्जुन क्या जो ज्ञान के बाद भी
माया पथ में फंसा रहे
वो अर्जुन क्या जो हर पल बस
भौतिक दल-दल में धसारहे
उस अर्जुन के जो बने सारथी
ऐसा पद स्वीकार किया
ना शास्त्र उठे ना लड़े युद्ध
फिर भी सबका संघार किया
सबने देखा एक व्यक्ति जो
रथ को पकड़े है आगे से
वो पूरे युद्ध को पकड़ा था
जिसने देखा वो जान गया
जब भीम ने तारा दुर्योधन
सहदेव ने शकुनि मामा को
और कर्ण का काटा सर अर्जुन ने
किया सुखी जब कान्हा को
और शल्य को जब तार दिये
उन धर्म राज ने क्षण भर में
नकुल उलूका को तार दिए
और युद्ध को साधा पल भर में
उस दुर्योधन का काल तुम ही
और भक्तों का कल्याण भी हो
उस शकुनि की भी चाल तुम्हीं
और अर्जुन का विश्वास भी हो
जब तुमने सबके प्राण खाये
वो काल शक्ति भी तुम ही थे
सब अस्त्र शास्त्र तुमने चलाये
या अस्त्र शास्त्र भी तुम वही थे
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