मार्गदर्शन हिंदी रैप लिरिक्स

मार्गदर्शन हिंदी रैप 

लिरिक्स (Patty)

मार्गदर्शन हिंदी रैप लिरिक्स (Patty)

मार्गदर्शन हिंदी रैप लिरिक्स (Patty)

Presents by - Loop Beats Entertainnment
Rapper - Patty
Lyrics - Patty
Music - Varry Night

मार्गदर्शन हिंदी रैप लिरिक्स (Patty)

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥

परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥

भक्ति से ही शक्ति है,
भक्ति बिन कोई मोल नहीं
पापियों का अंत हो
ये पावन धरती बोल रही
कृष्णा जिसका नाम है
वो खुद को ईश्वर कहता है,
कभी समय को खुद चलाता
कभी समय पर चलता है

अर्जुन को वो सारथि
महाभारत आरम्भ किया।
अधर्म को वो देखते ही
पलभर न विलम्ब किया
देव भी अवसर देख रहे
जब केशव रथ को हांक रहे
रथ का पहिया चक्र बना तब,
भीष्म पितामह कांप रहे

गाथा उस भगवान की
जो धर्म के खातिर लड़ता था
कुरूक्षेत्र की भूमि पर
हर रोज एक योद्धा मरता था
शंखनाद हुआ मर्दन का
जब अर्जुन धनुष पकड़ता था
अपनों को मैं कैसे मारूं,
पार्थ का सीना सुलझाता था

कह पार्थ क्या भूल गए
तुम ये अधर्मी सारे है
चीरहरण जब हो रहा
तब पांडव पांच बेचारे थे
बिना प्रयास तुमने पार्थ
हार कैसे मान लिया
कृष्ण ने अर्जुन को तब
भागवत गीता ज्ञान दिया

मृत्यु तो एक होनी है
वो आत्मा वस्त्र बदलती है
आंख खोल के देखो पार्थ
ये सृष्टि मुझसे चलती है
चला बाण तू पापियो पे
अपनापन एक माया है
जहां खड़ा तू कुरुक्षेत्र में
ये खेल मेरा रचाया है

भगवान मुझको दर्शन दो
प्रश्नों से मुख खोल दिया
तीनो लोक का स्वामी उसदिन
बहुत से ज्यादा बोल दिया
पलभर में सब नष्ट करू मैं
इतनी क्षमता रखता हूं
दुनिया मुझसे क्या सीखेगी
कर्म के रास्ते चलता है

राम हूँ मैं त्रेता का
रावण का संहार किया
राज धर्म के खातिर मैंने
सीता को वन छोड़ दिया
मैं ही राम, मैं ही श्याम
मैं ही परशुराम हूँ
श्रष्ठी जिसे पूजती वो
विष्णु भगवान हूँ
पल पल भेष बदलते हो
अंधकार से धूप दिखाओ
खुद को मेरा मित्र हो कहते
अपना असली रूप दिखाओ
इतना सुन के केशव ने
विश्व रूप दिखा दिया
निशब्द रहकर अर्जुन ने
चरणों में मस्तक झुका दिया

अर्जुन ने उस समय
संपूर्ण ब्रह्माण्ड के
सभी देवताओं को
श्री कृष्ण के शरीर में
एक स्थान में स्थित देखा

तत्रैकस्थं जगत्कृत्स्नं प्रविभक्तं अनेकधा ।
अपश्यद् देव-देवस्य शरीरे पाण्डवस्तदा ॥

धन्य हो गया अर्जुन वो
अदभुत रूप निराला था
अपनों की तुम बात हो करते
उसने कंस को मारा था
राम बनकर पिता के खातिर
राज पाठ सब त्याग दिया
कौरवों से भिड़कर उसने
पांडवों के संग न्याय किया

जी रहे हम कलयुग में
जहां भाई-भाई को काट रहे
इसे ज्यादा क्या बतलाऊ,
जाति पाती में बांट रहे
जन्म लिया जिस देश में
महाभारत जैसा ग्रंथ हुए
आज स्त्री की हालत देख
हम व्याकुल मन से बैठ गए

घड़ा पाप का भर चूका
ये तो बस एक झाँकी है
जरा सोच के देखो मित्र
कली का आना बाकी है
हिंसा क्रोध का बेटा वो
मृत्यु भय फेलायेगा
जिसका ना तुम सोच सको
वो नरक लोक से आएगा

साधु संत अब कम बचे है
आधे तो बस ढोंगी है
बेटियों को नोच है खाते,
ये तो धन के लोभी है
कृष्णा तुम आओ फिर से
कल्कि का अवतार धरो
कली का संघर्ष कर
इस सृष्टि का उद्धार करो

कलयुग का जब अंत होगा
काल चक्र को मोडेगा
अधर्म के ही अंत से
धर्म से सतयुग बोलेगा
वो नर नारी सच कहता हूँ
मुक्ति मोक्ष को मिलेगा
जो हरि का नाम लेकर,
कर्म के रास्ते होलेगा

जिसने उसको पूजा है,
सबका ही उद्धार किया
नरसिंग का रूप लेकर
हिरण्यकश्यप मार दिया
वामन का अवतार लिया
उसकी महिमा गाते हैं
ले प्रभु का नाम वो
सबके भाग्यविधाता है

खुद को हिंदू कहते हो
क्या उसके द्वार पे जाते हो
जाने का तो छोड़ो
क्या तुम घर पे दीप जलते हो
हिंद हिंद का नाम लेकर
खुद को हिंदू बोल रहा
मन में क्या तू सोच रहा
वो ऊपरवाला देख रहा

जिसकी लीला देख रहे
उसकी भक्ति में मगन होंगे
जिनकी मूरत इतनी सुंदर
वो कितने सुंदर होंगे
सुदामा को कितना दिया
कुछ चावल के दान पर
एक सुदामा फ़िर आया है
ईश्वर तू कल्याण कर

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणतः क्लेनाशाय गोविंदाय नमो नमः॥

कली काले नाम रूपे कृष्ण अवतार।
नाम हयते प्रभु सर्व जगत निस्तार ॥

भक्ति से ही शक्ति है,
भक्ति बिन कोई मोल नहीं
पापियों का अंत हो
ये पावन धरती बोल रही
कृष्णा जिसका नाम है
वो खुद को ईश्वर कहता है,
कभी समय को खुद चलाता
कभी समय पर चलता है
जब जब हानि होती है
वो तब तब रूप बदलता है
दुनिया का वो पालन हार
स्वामी करता धरता है
हर मुश्कील आसान लगे
जब सर पे उसका हाथ है
जगद्गुरु, न्यायाधीश
वही जगन्नाथ है......

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