रावण बनाम कलियुग लिरिक्स
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रावण बनाम कलियुग लिरिक्स |
Music - LYM Present
Mix & Arrangement - LYM Present
Lyrics - Inspired By @rajyadav
रावण बनाम कलियुग लिरिक्स
पुतले जलाने से क्या होगा
बस राख होगी, धुँआ होगा
झाँककर देख अपने गिरेबान में
रावण तुझसे तो अच्छा होगा
रावण......
हाँ मैं रावण हूँ
हाँ मैं रावण हूँ
हाँ मैं रावण हूँ
हाँ मैं रावण हूँ
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
कब तलक ढोंग ये फैलाओगे
जल गया मैं और जली मेरी लंका
अब क्या बची राख भी जलाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
कब तलक ढोंग ये फैलाओगे
जल गया मैं और जली मेरी लंका
अब क्या बची राख भी जलाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
अंत मन के रावण का क्या तुम कर पाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
हाँ गलती मेरी...
माना थी गलती मेरी जिसकी सजा मैं भोग चुका
अपनी गलतियों को कब दिखाओगे
हां बुरा था मैं क्या बुरे तुम नहीं
अपने पुतलों को कब जलाओगे
माना थी गलती मेरी जिसकी सजा मैं भोग चुका
अपनी गलतियों को कब दिखाओगे
हां बुरा था मैं क्या बुरे तुम नहीं
अपने पुतलों को कब जलाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
अंत मन के रावण का क्या तुम कर पाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
हाँ मैं रावण हूँ, हां मैं रावण हूँ
हां मैं रावण हूँ श्री राम ने मेरा अंत किया
अंत मन के रावण का क्या तुम कर पाओगे
भयमुक्त रही सीता मेरी विशाल वाटिका में
क्या भयमुक्त माहौल महिलाओं को दे पाओगे
हाँ मैं रावण हूँ श्री राम ने मेरा अंत किया
अंत मन के रावण का क्या तुम कर पाओगे
भयमुक्त रही सीता मेरी विशाल वाटिका में
क्या भयमुक्त माहौल महिलाओं को दे पाओगे
हाँ मैं रावण हूँ श्री राम ने मेरा अंत किया
अंत मन के रावण का क्या तुम कर पाओगे
भयमुक्त रही सीता मेरी विशाल वाटिका में
क्या भयमुक्त माहौल महिलाओं को दे पाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
अंत मन के रावण का क्या तुम कर पाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
लाखो रावण हैं...
लाखो रावण हैं यहां भेष राम का लिए
रूप असली इनका कब दिखाओगे
रोज मरती है कोख में हजारों सीता
कब तलक राम के लिए सीता की बली चढ़ाओगे
लाखो रावण हैं यहां भेष राम का लिए
रूप असली इनका कब दिखाओगे
रोज मरती है कोख में हजारों सीता
कब तलक राम के लिए सीता की बली चढ़ाओगे
हाँ मैं रावण हूँ, हाँ मैं रावण हूँ
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
अंत मन के रावण का क्या तुम कर पाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
हाँ मैं रावण हूँ
हाँ मैं रावण हूँ
हाँ मैं रावण हूँ
तुम मुझे क्या भला जलाओगे
कब तलक ढोंग ये फैलाओगे
जल गया मैं और जली मेरी लंका
अब क्या बची राख भी जलाओगे
हाँ मैं रावण हूँ
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