शबरी भजन लिरिक्स (रोशन प्रिंस)
song: shabari
Singer / Lyrics / Composer : Roshan Prince
Music : Amdad Ali
शबरी भजन लिरिक्स (रोशन प्रिंस)
जो भी माँगा सब कुछ पाया
जिसने दिल से प्रभु को पूजा
ऐसे कृपानिधान मेरे प्रभु
उनके जैसा और ना दूजा
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
भाव के भूखे मेरे राम
तभी तो लगे झूठे बैर भी खांड
भाव के भूखे मेरे राम
तभी तो लगे झूठे बैर भी खांड
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
मन में आनंद प्रभु आयेंगे घर मेरे भी
रुखी-सुखी जो भी है खायेंगे घर मेरे भी
मन में आनंद प्रभु आयेंगे घर मेरे भी
रुखी-सुखी जो भी है खायेंगे घर मेरे भी
विनती करू मैं बारम्बार
प्रभुजी मेरा रख लेंगे सम्मान
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
जिसने भगवन को चाहा
भगवनजी उनको चाहे
उंगली पकड़ तो सही
वो लेंगे थाम बांहें
जिसने भगवन को चाहा
भगवनजी उनको चाहे
उंगली पकड़ तो सही
वो लेंगे थाम बांहें
अपने भक्तों में प्रभु राम
भक्त और रामजी एक समान
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
उनके लिए तो रोशन छोटा-बड़ा ना कोई
उनका सहारा है तो काम अड़ा ना कोई
उनके लिए तो रोशन छोटा-बड़ा ना कोई
उनका सहारा है तो काम अड़ा ना कोई
टूटना चाहिये ना विश्वास
समझ नहीं पाता बस इंसान
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
भाव के भूखे मेरे राम
तभी तो लगे झूठे बैर भी खांड
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
शबरी के बैरों में था प्रेम
प्रेम की डोर बंधे भगवान
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