gogaji ki aarti / श्री जाहरवीर गोगा जी की आरती लिरिक्स


॥ श्री जाहरवीर जी की आरती ॥

जय -जय जाहरवीर हरे,जय -जय गोगावीर हरे ।
धरती पर आकर के भक्तों के कष्ट हरे ॥
जय जय.....

जो कोई भक्ति करे प्रेम से , निसादिन करे प्रेम से ,भागे दुःख परे ।
विघ्न हरन मंगल के दाता,जन -जन का कष्ट हरे ॥
जय जय.....

जेवर राव के पुत्र कहाए,रानी बाछल माता ।
बागड़ में जन्म लिया गुगा ने ,सब जय -जयकार करे ॥
जय जय .....

धर्म कि बेल बढाई निशदिन ,तपस्या रोज करे।
दुष्ट जनों को दण्ड दिया ,जग में रहे आप खरे ॥
जय जय .....

सत्य अहिंसा का व्रत धारा ,झुठ से सदा डरे।
वचन भंग को बुरा समझ कर , घर से आप निकरे ॥
जय जय .....

माडी में करी तपस्या अचरज सभी करे ।
चारों दिशाओं से भगत आ रहे ,जोड़े हाथ खड़े ॥
जय जय .....

अजर अमर है नाम तुम्हारा ,हे प्रसिद्ध जगत उजियारा ।
भुत पिशाच निकट नहीं आवे , जो कोई जाहर नाम गावे ॥
जय जय .....

सच्चे मन से जो ध्यान लगावे ,सुख सम्पति घर आवे ।
नाम तुम्हारा जो कोई गावे ,जन्म जन्म के दुःख बिसरावे ॥
जय-जय .....

भादो कृषण नोमी के दिन जो पुजे ,वह विघ्नों से नहीं डरे ।
जय-जय जाहर वीर हरे , जय श्री गोगा वीर हरे .......॥

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